सरकार से अपनी मांगे मनवाने को हड़ताल पर डटे रहे अधिबक्ता


"अपनी मांगों को लेकर अधिवक्ताओं ने फूंका पुतला"


"जिला बार संघ अध्यक्ष से हुई बातचीत में कई बात हुई स्पष्ट"


चित्रांश विकास श्रीवास्तव, एडवोकेट



उरई (जालौन):- प्रदेश में अधिवक्ताओं से साथ हो रही घटनाओं का विरोध और अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू कराने को लेकर प्रदेश भर में अधिवक्ताओं द्वारा की जा रही प्रदेश व्यापी हड़ताल के बाबजूद जहां एक ओर सरकार वकीलों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है तो वही दूसरी ओर अधिवक्ता समाज बैकफुट पर आने को तैयार न होकर सरकार से दो दो हाथ करने को तैयार है। जिसके चलते चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे दिन अधिवक्ताओं ने पुतला फूंक कर विरोध जताया है और पुलिस व सरकार विरोधी नारे लगाए है।


बता दे कि अभी है में हापुड़ कांड को लेकर अधिबक्ता समाज मे रोष व्याप्त है और उ0 प्र0 राज्य विधिक परिषद की तीन दिवसीय प्रदेश व्यापी हड़ताल के आव्हान पर आज दूसरे दिन भी जिला बात संघ जालौन के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से विरत रहकर जिला एवं सत्र न्यायालय के सामने प्रमुख सचिव उ0 प्र0 शासन और पुलिस महानिदेशक का सयुंक्त पुतला फूंक कर विरोध जताया और सरकार व पुलिस विरोधी नारे लगाए है। जैसा कि कल उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर मामले में सुनवाई करके आज से अधिवक्ताओं के काम पर आने की टिप्पणी की थी तो उसके बाद चर्चा का बाजार गर्म हो गया था और चाय पर चर्चा में हर चुस्की के साथ यह बात निकल कर आ रही थी कि अब हड़ताल समाप्त हो जाएगी लेकिन इस बार अधिबक्ता समाज ने अपनी मांगे पूरी कराने के लिए कमर कसकर आर पार की लड़ाई के लिए तैयारी कर ली है और सरकार से मांगे पूरी कराए बिना पुनः काम पर वापिस आने को तैयार नही दिख रहा है। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक सरकार हमारी 5 सूत्रीय मांगे पूरी नही करती हम लोगों की कलम बंद हड़ताल जारी रहेगी और हम लोग अपना आंदोलन आगे बढ़ाते रहेंगे। अधिवक्ताओं का कहना है कि जैसे राजस्थान सरकार ने अधिबक्ता सुरक्षा कानून लागू कर दिया है वैसे ही प्रदेश सरकार को भी अधिबक्ता सुरक्षा अधिनियम को लागू करना चाहिए ताकि हम अधिवक्ताओं के साथ हो रही घटनाओं और हम अधिबक्ताओं पर दर्ज कराए जा रहे फर्जी मामलों से हम लोगों की सुरक्षा हो सके। इस मौके पर जिला बार संघ अध्यक्ष गिरीश कुमार श्रीवास्तव, महासचिव ज्ञानेंद्र सिंह राजावत, राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (लल्ला),  आनन्द स्वरूप श्रीवास्तव, प्रद्युम्न श्रीवास्तव, भूपेंद्र वैद, बृजराज रिछारा, सृष्टि चतुर्वेदी, सुमन गौतम, अनुज शर्मा, कुमार गौरव श्रीवास्तव, धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव, अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, सीताशरण श्रीवास्तव, वैभव श्रीवास्तव, सरनाम सिंह भदौरिया, मोहित श्रीवास्तव, नरेंद्र कुमार द्विवेदी, सत्येंद्र सिंह मुकेश कुमार चुर्खी, मारुति नन्दन गुप्ता, हेमंत कुमार द्विवेदी, अंकित श्रीवास्तव, दीपक कुलश्रेष्ठ आदि अधिवक्तागण मौजूद रहे।


जिला बार संघ अध्यक्ष से हुई बातचीत में कई बात हुई स्पष्ट


- इस मौके पर जिला बार संघ अध्यक्ष गिरीश कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि सरकार जब तक हम लोगों की मांगों को पूरा नही करती तब तक हम लोग कलमबंद हड़ताल जारी रखेंगे और न्यायिक कार्य नही करेंगे और उ0 प्र0 राज्य विधिक परिषद के दिशा निर्देशों के अनुपालन में अपने आंदोलन को आगे बढाते रहेंगे लेकिन बिना मांग पूरी हुए कार्य पर वापिस नही लौटेंगे। इसी के साथ उनसे जिला बार संघ की वकालतनामा वाली विकराल समस्या पर भी चर्चा की गई तो उस बातचीत में कई बात स्पष्ट हुई है जिससे आप लोगों को भी रूबरू कराया जा रहा है:-


प्रश्न:- आप जिला बार संघ अध्यक्ष कब चुने गए, शपथ कब ली और आपके कार्यकाल को कितना समय हो गया है❓


उत्तर:- मैं जिला बार संघ अध्यक्ष 27 जुलाई 2023 को चुना गया और 10 अगस्त 2023 को शपथ ली। मेरे कार्यकाल को 25 दिन हुए है।


प्रश्न:- क्या जिला बार संघ का वकालतनामा अन्य वकालतनामा से अलग है और क्या इसको आपके कार्यकाल में नया लागू किया जा रहा है❓


उत्तर:- नही वकालतनामा सभी एक जैसे ही होते है बस जिला बार संघ द्वारा जारी किए जाने वाले वकालतनामा पर जिला बार संघ का लोगो बना होता है और इसको मैं नया लागू नही कर रहा हूँ यह पहले की कमेटी के कार्यकालों से ही चलन में चल रहा है।


प्रश्न:- जिला बार संघ के एक वकालतनामा की कीमत शुरुआत से क्या निर्धारित रही है और क्या आपने कीमत में कोई परिवर्तन किया है❓

 

उत्तर:- चलन में आने की शुरुआत से इस वकालतनामा की कीमत 200/- (दो सौ रुपये) निर्धारित रही है और मैंने भी इसकी कीमत 200 /- (दो सौ रुपये) ही निर्धारित की है।


प्रश्न:- क्या वकालतनामा की बिक्री के लिए निर्धारित 200/- (दो सौ रुपये) की सम्पूर्ण धनराशि जिला बार संघ को ही मिलती है❓


उत्तर:- जिला बार संघ द्वारा जारी वकालतनामा की बिक्री के लिए निर्धारित 200/- (दो सौ रुपये) की सम्पूर्ण धनराशि जिला बार संघ को प्राप्त नही होती है बल्कि तीन जगह वितरित होती है और जिला बार संघ को एक वकालतनामा पर मात्र 60/-  (साठ रुपये) बचते है जिसमे प्रिंट आदि का खर्च जिला बार संघ उठाता है।


प्रश्न:- आपने बताया कि वकालतनामा की धनराशि तीन जगह वितरित होती है, इसका क्या मतलब है❓


उत्तर:- इसका मतलब यह है कि बार संघ के वकालतनामा की निर्धारित 200/- (दो सौ रुपये) की धनराशि में 40/- (चालीस रुपये) स्टाम्प वेंडर,  100/- (एक सौ रुपये) वकालतनामा खरीदने वाले अधिवक्ता को वापिस दिये जाते है और जिला बार संघ को 60/- (साठ रूपये) मिलते है।


प्रश्न- एक 200/- रुपये कीमत के वकालतनामा पर बार को मिलने वाले मात्र 60/- रुपये के लिए इतना विरोध झेलने के पीछे आपकी मंशा क्या है❓


उत्तर- जूनियर अधिवक्ताओं के हित क्योंकि हम सब जानते है कि वकालत की शुरुआत में प्रत्येक अधिबक्ता को जूनियरशिप करनी पड़ती है और उस जूनियरशिप के दौरान उनको आमदनी नाम मात्र की भी नही हो पाती और पक्षकार भी जूनियर अधिवक्ताओं को फीस देने में बहुत ज्यादा दिलचस्पी नही दिखाते है जिससे आमदनी न होने और जेब का रुपया खर्च होने के कारण जूनियर अधिवक्ताओं का मनोबल गिरने लगता है और कुछ प्रेक्टिस छोड़ देते है इसलिए यदि यह बार का वकालतनामा चलन में होगा और उस पर वापिस मिलने वाले 100/- रुपये जूनियर अधिवक्ताओं को मिलते रहेंगे तो उनका मनोबल बढ़ेगा और वो वकालत में आगे बढ़ सकेंगे और मैं अपने वरिष्ठ अधिवक्ताओं और साथी अधिवक्ताओं से भी यही कहना चाहूंगा कि वकालतनामा पर वापिस मिलने वाली रकम को जूनियरशिप कर रहे अधिवक्ताओं को ही दें ताकि उनका मनोबल बढ़े और वो वकालत में आगे बढ़ें।


प्रश्न- जिला बार संघ द्वारा स्टाम्प वेंडरों को वकालतनामा बेचने और उनसे रुपये लेने के लिए आप क्या प्रक्रिया अमल में लाएंगे❓


उत्तर- जब भी किसी स्टाम्प वेंडर को जिला बार संघ के वकालतनामा विक्रय किये जायेंगे तो फ्लड स्टाम्प वेंडर को जिला बार संघ द्वारा जारी अधिकारिक बैंक खाता संख्या में रूपये जमा करने होंगे उसके बाद जमा रसीद बार संघ को देने पर वकालतनामा उसको दिए जायेंगे।


प्रश्न:- कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि वकालतनामा की बिक्री से प्राप्त होने वाली धनराशि को आप अपने निजी प्रयोग में लेने की मंशा रखते है। इस पर आपका क्या कहना है❓


उत्तर- जैसा कि सब जानते है कि बार के पास आय का कोई स्रोत नही है और जो दुकानों के किराए से जो आय होती है वो बार कर्मचारियों के वेतन में खत्म हो जाती है, जिसके कारण वकालतनामा को अनिवार्य रूप से लागू करने की मेरी मंशा यह है कि उससे बार की आय हो सके और बार की निजी पूँजी जमा हो सके जिससे आकस्मिक घटना में जरूरत पड़ने पर बार के अधिवक्ताओं को 25 से 30 हजार तक की आर्थिक मदद दी जा सके।


प्रश्न:- आप यह कैसे सुनिश्चित कर पाएंगे कि अधिबक्ता को जरूरत है या नही❓


उत्तर- इसके लिए मैं कमेटी के नही बल्कि जिला बार सदस्यों में से 5 सदस्यों को टीम नियुक्त  करूंगा जो जांच कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और रिपोर्ट के आधार पर यदि पाया जाएगा कि अधिबक्ता को आवश्यकता है तो कमेटी द्वारा सेंक्शन किये जाने पर चेक के माध्यम से धनराशि प्रदान की जाएगी जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।


प्रश्न- जिला बार संघ अपनी मर्जी से रुपयों का दुरुपयोग करेगी इस पर आपका क्या कहना है❓


-  ऐसा नही है बल्कि जिला बार संघ को भी जब रुपयों की आवश्यकता होगी तो जिला बार संघ को भी जिला बार संघ द्वारा नामित की गई 5 सदस्यों की टीम को ही प्रार्थना पत्र देना होगा और कमेटी के द्वारा सेंक्शन करने पर ही जिला बार संघ रुपये निकाल सकेगी।


प्रश्न:- क्या आउटलाइन कोर्ट में भी जिला बार संघ का वकालतनामा अनिवार्य किया गया है❓


उत्तर:- नही मेरी तरफ से कोई नया फेरबदल नही किया गया है जैसा पहले चल रहा था वैसा ही मैंने लागू किया है यह जिला बार संघ के वकालतनामा का नियम मुख्यालय के लिए रखा गया है लेकिन यदि आउटलाइन कोर्ट के बार अध्यक्ष चाहे तो अपने यहां भी लागू कर सकते है।


प्रश्न- जैसा कि सुनने को मिल रहा है कि पिछली बार संघ कमेटी ने आय व्यय का कोई व्यौरा नही दिया तो क्या आप बताएंगे कि जब आपको चार्ज मिला तब जिला बार संघ की पूँजी में आपको कितनी धनराशि सौंपी गई है❓


उत्तर- जब मुझे जिला बार संघ का चार्ज मिला है तब मुझे जिला बार संघ की 23 हजार रुपये की धनराशि सौंपी गई थी और उसके बाद शपथग्रहण और वेतन आदि में इससे ज्यादा खर्च हो चुका है और अभी जिला बार संघ करीब 15 हजार के कर्ज में चल रही है जो मैं धीरे धीरे चुकता कर रहा हूँ।


प्रश्न- क्या जिला बार संघ की पूँजी बढाने के लिए बार की आय का आपके पास कोई स्रोत है❓


उत्तर- जिला बार संघ की आय का स्रोत दुकानों का किराया है जो बार के कर्मियों की वेतन में खर्च हो जाता है इसीलिये वकालतनामा अनिवार्य करके बार की आय का स्रोत बना रहा हूँ क्योंकि जब मुझे जिला बार संघ का चार्ज मिला तब बार की पूंजी में मुझे 23 हजार रुपये मिले थे और अब मेरी मंशा है कि मैं जब चार्ज किसी को दूं तो जिला बार संघ की पूंजी करीब 7 या 8 लाख रुपये करके दूँ ताकि मेरे कार्यकाल में जिला बार संघ की भविष्य में आर्थिक स्थिति सुदृण रहे।


प्रश्न- एक नई बात सामने आई है कि जिला बार संघ कार्यालय का ताला बदल दिया गया है और किसी पदाधिकारी को बैठने की छूट नही है❓


उत्तर- ऐसा नही है ताले किसी दुर्भावना से नही बदले गए है बल्कि जब चार्ज लेते है तो जिला बार संघ का सामान आदि चार्ज में मिलता है और चार्ज में मिला सामान आगे चार्ज  देते समय वापिस भी करना होता है तो सुरक्षा की दृष्टि से पुराने ताले बदले जाते है और किसी को बार संघ कार्यालय में बैठने से न ही मना नही किया जा रहा और न ही रोका जा रहा है और कार्यावधि के दौरान जिला बार संघ कार्यालय भी खुला रहता है।


प्रश्न- क्या आप जिला बार संघ के अधिवक्ताओं को कोई संदेश देना चाहते है❓


उत्तर- जी हाँ मेरा अपनी जिला बार संघ के  मेरे वरिष्ठ अधिवक्ताओं, साथी अधिवक्ताओं और कनिष्ठ अधिवक्ताओं से यह कहना है कि मेरा कार्यकाल अभी शुरू हुआ है और मैं वचनबद्ध हूँ कि अधिवक्ताओं के मां सम्मान की रक्षा के लिए मैं हमेशा तत्पर रहूंगा और मेरे कार्यकाल में मैं जिला बार संघ और अपने अधिवक्ताओं की स्थिति सुदृण करने के लिए लगातार काम करूंगा और कार्यकाल खत्म होने से पहले पूरे कार्यकाल के आय व्यय का व्यौरा आम सभा की वैठक में सबके सामने रखूंगा।



अभी फलक को पड़ा दिलजलों से काम नही


जलाकर राख न कर दूं तो आग नाम नही

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