सदर कोतवाल ने चार्ज संभालते ही हासिल की बड़ी सफलता
"सदर कोतवाल, एसओजी व सर्विलांस टीम ने ब्लाइंड केश का किया खुलासा"
"पत्नी ने ही दी थी पति की हत्या की सुपारी, 4 की हुई गिरफ्तारी"
चित्रांश विकास श्रीवास्तव
उरई (जालौन):- प्रदेश के आका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस के प्रदेश मुखिया द्वारा प्रदेश में जनता की सुरक्षा के माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए किये जा रहे कठोर प्रयासों के साथ साथ पुलिस कप्तान द्वारा की जा रही लेट नाईट ब्रीफ़िंग्स का असर उस समय देखने को मिला जब जनपद में सदर कोतवाल के साथ साथ एसओजी और सर्विलांस टीम ने संयुक्त रूप से वर्कआउट करके ब्लाइंड केश का महज 15 दिन में खुलासा कर दिया।
बता दे कि गत 12 अगस्त को सुबह सदर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला तुलसीनगर में रहने वाले ग्राम कुठौंदा के पूर्व प्रधान संजय राजपूत की हत्या करने की मंशा से उनको अज्ञात हमलावरों द्वारा सुबह उस समय गोली मार दी गई थी जब वो सुबह कुत्ता टहलाने घर से बाहर निकले थे और इस हमले में वो गम्भीर रूप से घायल हो गये थे और उनकी नाजुक हालत देखकर उनको बाहर रिफर के दिया गया था और अब उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है हमले के बाद इस मामले की हकीकत तक पहुंचा और हमलावरों की पहचान कर पाना उन तक पहुंच पाना पुलिस के लिए भूंसे के ढेर से सुई खोजने के बराबर की बात थी लेकिन पुलिस ने माफियाओं के संरक्षक रहे सदर कोतवाल शिवकुमार सिंह के साथ वर्कआउट चालू किया और घटना के बाद एक सप्ताह खाली हाथ खड़ी रही जिसके बाद जनपद के पुलिस कप्तान ईराज राजा द्वारा गत 18 अगस्त को तबादला एक्सप्रेस चलाई और क्राइम कंट्रोल में फेल रहे सदर कोतवाल शिबकुमार सिंह से सदर कोतवाली की कमान वापिस लेते हुए निरीक्षक जितेंद कुमार सिंह को नए सदर कोतवाल के रूप में सदर कोतवाली की कमान सौंपी जिसके बाद सदर कोतवाल जितेंद्र कुमार सिंह द्वारा कोतवाली की कमान संभालने के बाद अपने काम को प्राथमिकता देते हुए मामले की तह तक जाने की रणनीति तैयार की और अपनी सूझ बूझ और कार्य निपुणता के चलते उन्होंने एसओजी और सर्विलांस टीम के साथ उस पर वर्कआउट करके सदर कोतवाली का चार्ज संभालने के मात्र एक सप्ताह के अंदर भूंसे के ढेर में सुई तलाश करने की कहावत को चरितार्थ करते हुए बड़ी सफलता हासिल करके ब्लाइंड केश का सफल अनावरण कर दिया और पुलिस कप्तान द्वारा क्राइम कंट्रोल के लिए उन पर जताए गए भरोसे को कायम रखा।
पत्नी ने ही दी थी पति की हत्या की सुपारी, 4 की हुई गिरफ्तारी
- बता दें कि जब इस घटना को अंजाम दिया गया तो उस समय पुलिस के पास घटना की सूचना के अतिरिक्त और कोई जानकारी नही थी जिसके बाद इस मामले की गुत्थी सुलझाने में कोतवाली पुलिस को सबसे बड़ी मदद ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से मिली क्योंकि पुलिस ने करीब 150 फुटेज खंगाले जिनमे से उनको एक लीड मिली और उन्होंने इस घटना का सफल अनावरण कर पाया लेकिन पुलिस द्वारा जैसे ही इस मामले का खुलासा किया गया तो सुनने वालों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली क्योंकि इस मामले में पति की हत्या की सुपारी देने वाला मजरुब का कोई दुश्मन या कोई गैर नही निकल बल्कि उसकी खुद की पत्नी द्वारा ही उसकी हत्या की सुपारी दी गई थी मामले का खुलासा करते हुए प्रेस वार्ता में बताया गया कि जांच में उसकी पत्नी की चौंकाने वाली मुख्य भूमिका प्रकाश में आयी है। बताया गया है कि पीड़ित संजय राजपूत और उसकी पत्नी अंजली के बीच आये दिन कलह मचा रहता था जिससे पत्नी काफी परेशान होकर संजय से प्रतिशोध लेने पर आ गयी थी। इसी दौरान उसने अपने मायके भांडेर के रहने वाले उपेन्द्र कुमार यादव उर्फ मोनू का सहारा लिया जो विद्यार्थी जीवन से उसका अत्यंत स्नेही मित्र था। उसने मोनू से पति संजय से हमेशा के लिये छुटकारा पाने के लिए उसका अंत कराने हेतु मदद मांगी। मोनू ने 8 लाख रूपये की सुपारी इसके लिये देने की बात जिला दतिया के थाना पंडोखर निवासी विनोद केवट, इसी थाने के मुहल्ला काजीपाठा निवासी जितेन्द्र केवट और जनपद झांसी के समथर के निवासी रविन्द्र माली उर्फ ड्राइवर से की। इनके साथ विनोद केवट ने अपने रिश्तेदारों अवधेश उर्फ रवि और जितेन्द्र जो कि दोनों आपस में सगे भाई हैं और समथर के ही निवासी बृंदावन केवट को भी शामिल कर लिया। बात पक्की होने पर इन लोगों को 4 लाख रूपये एडवांस दे दिया गया था जबकि 4 लाख रूपये काम हो जाने के बाद देने की बात तय की गयी थी। विनोद, जितेन्द्र और रवि माली प्लान के मुताबिक 12 अगस्त को सुबह घात लगाकर मुहल्ला तुलसीनगर में खड़े हो गये और जैसे ही संजय राजपूत घूमने के लिये निकले उन्होंने उन पर गोली चला दी जिसमें संजय राजपूत घायल होकर गिर पड़े। उनका काम तमाम समझ हमलावर भाग निकले। बाद में सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से हमलावर ट्रेस किये गये और इस प्रयास में आखिरकार पुलिस को इन तक पहुंचने में सफलता मिल गयी। पुलिस ने जब इनको पकड़ लिया तो आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके द्वारा संजय राजपूत पर निशाना साधने की वजह उसकी पत्नी अंजली द्वारा उन्हें सौंपी गयी सुपारी थी। आरोपितों की निशानदेही घटना में प्रयुक्त तमंचे को भी पुलिस ने बरामद कर लिया जो संजय राजपूत पर फायर करने के लिये प्रयोग में लाया गया था। यह पुलिस के लिये अदालत में मजबूत साक्ष्य का काम करेगा। इस मामले में अभी मोनू यादव और अवधेश उर्फ रवि, जितेन्द्र व लक्ष्मण की भी गिरफ्तारी होनी है जिसके लिए पुलिस लगातार दविश दे रही है। सदर कोतवाल द्वारा चार्ज संभालने के एक सप्ताह के अंदर ब्लाइंड केश का खुलासा करने के लिए क्षेत्र में उनकी बहुत प्रसन्नता हो रही है।