जालौन : जबरन धर्मपरिवर्तन कराने के मामले पर भड़के विहिप कार्यकर्ता




"सी ओ सिटी के सामने वकील के साथ खींचातानी"


"नजूल की जगह पर निगाह खराब, बेचने का है प्रयास"


"संस्था की जमीन पर कब्जा करने पहुंचे थे लोग"


"बार संघ अध्यक्ष की मध्यस्थता से निपटा मामला"


चित्रांश विकास श्रीवास्तव


उरई (जालौन):- प्रदेश के आका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पुलिस आका विजय कुमार द्वारा प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए दबंगो और माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिये किये जा रहे प्रयासों के साथ साथ पुलिस कप्तान लेट नाइट ब्रीफ़िंग्स करके चाहे जितने प्रयास कर ले लेकिन उनके प्रयासों का कोई असर होता नजर नही आ रहा है  जिसका एक उदाहरण तब देखने को मिला जब दबंगो द्वारा जनपद मुख्यालय पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का दबाब बनाने का मामला सामने आया।


बता दे कि गत 27 जुलाई जनपद जालौन की सबसे पुरानी बी सी एक मिशन चर्च के सीनियर पादरी एन डेविड द्वारा पुलिस अधीक्षक जालौन ईराज राजा को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि किरन मसीह नाम की महिला के साथ मैराज नामी आदमी गैर कानूनी तरीके से मिशन में रह रहा है और मुझ पादरी पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए दबाब बनाने के साथ साथ प्रलोभन ही दे रहे है जब पादरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त लोग कहते है कि धर्म परिवर्तन करा लो तो हम लोग 10 लाख रुपये नगद और एक मकान देंगे जिसके बाद तुम यहाँ से चले जाना। उन्होंने बताया कि उक्त लोग कहते है कि पहले तुम मुस्लिम से ईसाई बने थे अब फिर ईसाई से मुस्लिम बन जाओ लेकिन मैं इसके लिए तैयार नही हूँ तो उक्त लोग जबरन दबाब बनाकर मेरा धर्म परिवर्तन कराने को प्रयासरत है। इसी के साथ उन्होंने बताया कि सन 1985 में इस जगह पर स्कूल और चर्च का प्रबंध करने के लिए अमेरिकन मिशनरी नाम की संस्था ने देखरेख की जिम्मेदारी ली थी और प्रत्येक 5 साल में संस्था का नवीनीकरण होता था जिसके बाद सन 2011 में इस संस्था का नवीनीकरण होते समय इस किरण मसीह नाम की महिला ने ऐन केन प्रकारेण इसी नाम से एक नई संस्था का निर्माण कर लिया और खुद संस्था की अध्यक्ष बन गई लेकिन अभी कई मामले न्यायालय में विचाराधीन है जिनका फैसला नही आया है। आगे पादरी ने यह भी बताया कि जब भी कोई मेरा परिचित या व्यवहारी मुझसे मिलने आता है तो ये लोग मुझसे किसी को मिलने नही देते है और इसी तरह सबको भगा देते है।  इसके बाद जब इस मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद के जिला महामंत्री तेज जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पादरी द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र की प्रति जब विहिप के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के हाथ लगी और उन्हें इस मामले की जानकारी हुई कि जनपद मुख्यालय पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाब बनाने का मामला पनप रहा है तो मामले की जानकारी पूर्ण जानकारी के लिए हम लोग पादरी से मिलने पहुंचे थे तो वहां पर वकील साहब और एक महिला हम लोगों को पादरी से मिलने जाने से रोकने लगे और लड़ाई झगड़ा करने लगे। इसी के साथ इस मामले में सूत्रों की माने तो एक तरफ उनका दावा है कि कोर्ट छोड़कर  ड्रेस पहनकर मौके पर वकालत करने पहुंचे अधिवक्ता द्वारा ज्यादा उत्तेजित होने पर विहिप कार्यकर्ता भड़क गए उन्होंने सीओ सिटी के सामने ही अधिवक्ता के साथ खींचातानी कर दी और तो वही दूसरी तरफ अधिवक्ता से हुई बात चीत में यह बात सामने आती नजर आई कि अधिवक्ता के साथ मात्र खींचातानी ही नही बल्कि उनके साथ जमकर हाथापाई हुई है और बमुश्किल पुलिस उनको बचाकर कोतवाली लेकर जा पाई। जहां पर बाद में मामले में समझौता हो गया है।



नजूल की जगह पर निगाह खराब, बेचने का है प्रयास


- पादरी से हुई बातचीत में उन्होंने यह भी बताया कि यह पूरा मामला 7 एकड़ 26 डिसमिल जगह पर निगाह खराब होने से जुड़ा है उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा उक्त जगह स्कूल चलाने और चर्च आदि की व्यवस्था के लिये संस्था को लीज पर दी गई थी और अब बस केवल यहां पर मेरे अलावा स्कूल स्टाफ की दो टीचर फैमिली और एक गार्ड फैमिली रह रही है उन्होंने बताया कि स्कूल बंद हो चुका है और लीज की समयावधि भी समाप्त हो चुकी है और अब यह जगज राज्य सरकार यानी नजूल की जगह हो चुकी है इसी जगह पर इस किरण मसीह और मैराज नामी व्यक्ति की निगाह खराब है और वो लोग उसको बेचना चाहते है और उन्होंने यह भी बताया कि इन लोगों की इस मंशा में सबसे बड़ा रोड़ा मैं हूँ और मैं जिस दिन यहां से चला जाऊंगा उस दिन इनकी यह मंशा पूरी हो जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यहां पर आएदिन जमीन के खरीददार लोग बाहर से आते है और उनको जमीन बेचने के लिए जगह दिखाई जाती है। जिसके बाद सवाल यह उठने लगा है कि बाबा की बुलडोजर सरकार में इन लोगों द्वारा नजूल की जगह ओर नियत खराब करने और उसको बेचने की हिम्मत कहां से मिल रही है और नजूल की जगह अभी तक प्रशासन ने सरकार के कब्जे में वापिस क्यों नही ली है।



संस्था की जमीन पर कब्जा करने पहुंचे थे लोग




- जब इस मामले में अधिवक्ता मैराज सिद्दकी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं संस्था के कई मामलों में अधिवक्ता हूँ और कुछ लोग संस्था की जमीन पर कब्जा करने पहुंचे थे जिसकी खबर मुझे मिली थी तो मैं भी मौके पर पहुंचा था वही मेरे साथ भीड़ ने खींचातानी कर दी और अब मामला निपट गया है।



बार संघ अध्यक्ष की मध्यस्थता से निपटा मामला


- जब यह मामला कोतवाली तक पहुंच गया तो जिला बार संघ अध्यक्ष ने कोतवाली पहुंच कर मामले को संभाला लेकिन इस मामले में अधिवक्ता बन्धु जिला बार संघ अध्यक्ष पर ही निशाना साधते नजर आ रहे थे जिसके बाद जब जिला बार संघ अध्यक्ष गिरीश कुमार श्रीवास्तव, एडवोकेट की भूमिका की जानकारी की गई तो यह बात सामने आई कि एक अधिवक्ता के निजी स्वार्थ की लड़ाई के मामले में भी उन्होंने अपने अध्यक्ष पद के दायित्वों का निर्वहन किया और मध्यस्थता करके मामले को निपटाया क्योंकि यदि देखा जाए तो एक वकील का दायित्व कोर्ट में मुकद्दमा लड़ना होता है न कि मौके पर जाकर वकालत करने का और इस मामले में अधिवक्ता स्वयं मौके पर मोर्चा संभालने पहुंचे थे जो उनके निजी स्वार्थ की झलक दिखा रहा है ऐसे में भी जिला बार संघ अध्यक्ष द्वारा अधिवक्ता की पूरी मदद किया जाना सराहनीय कार्य है।

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